जिससे बना है यह तन तुम्हारा उसी से क्यों इतना बैर
इस प्रथा के मुताबि पहाड़ो ( गांव ) में मासिक धर्म ( पीरियड )के समय लड़कियों को
5
,7 या जितने
दिन पीरियड में होती है, उतने दिन तक नल नहीं छूना , रसोई में नहीं जाना घर का कोइ भी चीज नहीं छू सकती उसे अपवित्र मन जाता है l उसके छुवे पानी घर के कोई व्यक्ति नही पि सकता है।
जब लड़कियों, महिलाओ का पीरियड्स होता है तो अपने पिता ,भाई, या कोई भी पुरुष को अपना चेहरा नही दिखाना होता है ।
और 5 दिन तक दूध - दही खाने नही दिया जाता है सूखे रूखे खाना दूर से हीं फेक दिया जाता है और उसे ये सूखे रूखे खाकर 5 या 7 दिन जब तक महावारी रहता है तब तक दिन और रात झाड़ियों के बीच अंधेरी झोपड़ियो में बितानी पड़ती है ।
जो कई बार लडकिया साँप , बिछु और बलात्कारियो
का शिकार बन जाती है । लोगो के रूढ़िवादी सोच और गलत मानसिकता के कारण कई लड़किया का मौत होते आ रही है l
जब एक लड़की का मासिक धर्म होता है तो उसे कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है उसे पोस्टिक खाना का जरूरत होती है और साफ सफाई का भी खाश खयाल रखना पड़ता है l लेकिन ये प्रथा लड़कियों के जिंदगी से
खिलवाड़ कर उनके जान का दुश्मन बन जाता है ।
गांव में तो मानते हीं है लेकिन सहरो में भी कई लोग है जो पहाड़ से आये कितने वर्ष बीत जाने के बाद भी उनकी सोच नही बदली है । और सहरो में भी इसे अछूता मानते है ।
बहुत ही ताजुब की बात है ।
बहुत ही ताजुब की बात है ।
जब मानव अशिक्षित था ज्ञान नही था कुछ प्रथा बनाये थे । लेकिन आज जमाना कहा से कहा पहुच गया है । लोग पढ़े-लिखे शिक्षित हो गए है । लेकिन मन में एक गलत धारणाओं के वजह से लोग अपने ही बहन बेटियों के साथ ऐसे गलत व्यवहार करने में जरा भी नही कतराते है । और साँप, भिछु व बलात्कारियो का शिकार बना देते है ।
हमलोग जब मई 2019 को नेपाल धनगढ़ी 4 माह के लिए इन्टेन्सिप (प्रशिक्षण) के लिए आई थी तो हमलोगों को भाड़े पर एक कमरा चाहिए था और ऑफिस के लोग और हमलोग कमरा ढूंढ रहे थे लेकिन कमरा नही मिल रहा था । कुछ लोगो का रूम खाली होते हुवे भी हमे रूम नही दिए ये कह कर की लड़के होते तो दे देते है । और हमे आस-पास में रूम नही मिला क्यो की हम दो लड़कियां थे । कारण की
लड़कियां पीरियड होगी तो पानी कोन देगा कहां नहाएगी , मेरा नल छुवेंगी और हमारा नल घर अपवित्र हो जाएगा ।
वह रे मानव
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