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Showing posts from March, 2019

जिसने बस त्याग ही त्याग किए जो बस दूसरों के लिए जिए फिर क्यों उसको धिक्कार दो उसे जीने का अधिकार दो महिला दिवस की शुभकामनाएं। #PVCHR #INSEC #NOREC #FK #fk youth fellows 2019 #VARANASI #KODERMA #SANGRAM #women's #INDIA

 हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस और इस वर्ष यानी 2019 में 109वां. महिला दिवस मनाया जाएगा। यानी विश्व में 109 सालों से महिलाओं के अधिकारों को लेकर आवाज उठाई जा रही है और आज भी यह सिलसिला कायम है। महिला दिवस के मौके पर तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है खासतौर से सरकारी दफ्तरों या प्राइवेट ऑफिस में भी महिला कर्मचारियों को इस दिन खास तोहफे भी दिए जाते हैं या फिर उनका सम्मान किया जाता हैं, लेकिन ये सम्मान एक दिन नही , हर दिन होनी चाहिए l और वो सम्मान तब मिल सकती है जब महिलाओं के साथ हिंसा,अत्याचार, बलत्कार,और रौब जमाना बंद करोगे l * हिफाजत के नहीं रिश्ते ,हौंसलों के ना जेवर शानो-शौकत होती अपनी, झुके से सर नहीं होते बड़ी नाजुक मिजाजी है, बड़ा मासूम दिल इनका  जो थोड़ी खुदगरज होतीं, किसी के डर नहीं होते  कभी का मिलता हक इनको,सियासत के चमन में भी  सियासत की तिजारत के जो लीडर सर नहीं होते , लड़कियों की धड़कनों पे निगाहें मां की भी कातिल  कोख में मारी न जातीं जो मां के चश्मेतर होते l

अम्बेडकर नगर ,चिंतौरा l घाघरा नदी के किनारे बसे बाढ़ पीड़ितों की कहानी #PVCHR #INSEC #NOREC #SANGRAM #AMBEDKAR NAGAR #FK

आज 5 मार्च 2019 को अम्बेडकर नगर चिंतौरा बस्ती में हम चार लोग (शबाना मैम , मानवाधिकार जन निगरानी समिति के कार्यकर्ता मनोज जी , FK fellow अणु , विनती ) 9:00 बजे सुबह पहुंचे l यह अम्बेडकर नगर मुख्यालय से 20 km दूर सड़क के किनारे स्थित था , जो घाघरा नदी के किनारे कुल 40 मांझी परिवार बसे हुवे है l हम सब चिंतौरा बस्ती के लोगो से मिले बात चीत किए l रामकृपाल मांझी ने बताए की हमलोग घाघरा नदी के किनारे मांझा में बसे हुवे थे और नाव चला कर किसी तह अपना जीविका चलाते थे लेकिन एक दिन अचानक से 1975 में बाढ़ आया और हमलोगों को बहाना सुरु कर दिया हमलोग सब बहुत मुस्किल से अपना-अपना जान बचाते हुवे वंहा से बच निकले उस वक्त हमारे पास न तो कुछ खाने को था ना पहनने को समझ नही रह था , फिर सभी बिचार कर हम लोग एस डी एम के पास गए और उन्होंने हम सब को 1975 में टांडा ब्लॉक के चिंतौर बस्ती में 76 मांझी परिवारों को बसाए, किन्तु किसी को जमीन का कागज नही मिला था l फिर से हम लोग झोपड़ी बना कर और मौसमी फसल ऊगा कर अपना गुजर-बसर करने लगे l लेकिन हमारी खुशी को कुछ दबंगों का नजर लग गई और फिर से हमारी जिंदगी में मानो बाढ़ आ गई l दब

भारत का सांस्कृतिक शहर वाराणसी जो पूरे विश्व पलट पर अपनी एक अलग पहचान रखता है। पूरे दुनिया को संस्कृति का संदेश देने वाला यह शहर के कोने में कई काले साये अपना कुनबा बनाये हुए है l #PVCHR #INSEC #FK #NOREC #VARANSI #dalit

28 फरवरी 2019 को करीबन 12 बजे हम सारे फेलो विनती,मधु,अनु,गंगा,साबिन ऋषभ (सहकार्य प्रोजेक्ट के अंतर्गत – मानवाधिकार जन निगरानी समिति और इन्सेक के संयुक्त तत्वाधान में नोरेक, नॉर्वे के सहायता से 10 माह का एक्सचेंज कार्यक्रम है) वाराणसी के  हरहुआ ब्लॉक के नर्सिंगभानपुर चमार बस्ती गये l यह गांव PVCHR केंद्रीय कार्यालय से 30 km दूरी नर्सिगभनपुर से 7 km अंदर सड़क के किनारे स्थित है l इस गांव में एक लंबी नहर बनी हुवी है और सरसों, गेहूँ,गणना से लहलहाती गांव है l गांव जाने के बाद PVCHR के कार्यकर्ता बृजेश जी प्रतिमा जी और सुभाष जी से मिले l इसके बाद (PVCHR) मानवाधिकार जन निगरानी समिति के कार्यकर्ता बृजेश जी ने बताये की PVCHR इन गांव के 6 दलित टोलों में 1650 जनसंख्या के बीच अक्टूबर 2015 से क्राई के सहयोग से माँ और बच्चों के स्वास्थय को लेकर काम कर रही है l जिसमे 0 से 5 वर्ष के बच्चे का टीकाकरण ,स्तनपान ,पोषण व महिलाओं के गर्भावस्था से लेकर बच्चें पैदा होने तक का देख -भाल व शिशु जन्म प्रमाण पत्र , मातृ स्वास्थ्य देख-रेख और किशोरियों के स्वास्थ्य और पोषण को लेकर कार्य करते आ रही है l फिर एक

दलित महिलाओं के इस्थितियों और बीमारियों के बारे में बातचीत l

26 february 2019 को तक़रीबन 11:30 बजे हम सारे फेलो (सहकार्य प्रोजेक्ट के अंतर्गत – मानवाधिकार जन निगरानी समिति और इन्सेक के संयुक्त तत्वाधान में नोरेक, नॉर्वे के सहायता से 10 माह का एक्सचेंज कार्यक्रम है) PVCHR के केंद्रीय कार्यालय से 25 km दूरी पर पुआरी खुर्द उसरहिया सड़क के किनारे स्थित गांव पहुंचे | यंहा खेतो में सरसों और गेहूं की हरियाली से पूरे गांव की सुंदरता बढ़ा दी थी l गांव जाने के बाद pvchr के कार्यकर्ता प्रतिमा जी,बृजेश जी और सुभाष जी से मिले l गांव के बारे में प्रतिमा जी ने बताये की उसरहिया गांव की जनसंख्या 5000 है और इस गांव के 8 टोला में हमलोग काम करते है जो मुसहर और चमार समुदाय के बिच अक्टूबर 2015 से माँ और बच्चों के स्वास्थ्य SC, PHC, CHC, MCH और किशोरियो के स्वास्थ्य को लेकर काम करते आ रहे है 8 टोला की कुल जनसंख्या 2000 से ज्यादा है l यंहा आशा,एनम व उच्च जाति के लोग नही आते थे l नव जात शिशु को माँ का दूध न पिला कर गाय, बकरी का दूध पिलाया करती थी प्रसव के लिए अस्पताल नही जाते थे ,शिशुओं का जन्म प्रमाण पत्र नही मिल पाता था l जब PVCHR काम करना सुरु किये महिलाओं को जागरूक किय