दलित महिलाओं के इस्थितियों और बीमारियों के बारे में बातचीत l

26 february 2019 को तक़रीबन 11:30 बजे हम सारे फेलो (सहकार्य प्रोजेक्ट के अंतर्गत – मानवाधिकार जन निगरानी समिति और इन्सेक के संयुक्त तत्वाधान में नोरेक, नॉर्वे के सहायता से 10 माह का एक्सचेंज कार्यक्रम है) PVCHR के केंद्रीय कार्यालय से 25 km दूरी पर पुआरी खुर्द उसरहिया सड़क के किनारे स्थित गांव पहुंचे | यंहा खेतो में सरसों और गेहूं की हरियाली से पूरे गांव की सुंदरता बढ़ा दी थी l गांव जाने के बाद pvchr के कार्यकर्ता प्रतिमा जी,बृजेश जी और सुभाष जी से मिले l गांव के बारे में प्रतिमा जी ने बताये की उसरहिया गांव की जनसंख्या 5000 है और इस गांव के 8 टोला में हमलोग काम करते है जो मुसहर और चमार समुदाय के बिच अक्टूबर 2015 से माँ और बच्चों के स्वास्थ्य SC, PHC, CHC, MCH और किशोरियो के स्वास्थ्य को लेकर काम करते आ रहे है 8 टोला की कुल जनसंख्या 2000 से ज्यादा है l यंहा आशा,एनम व उच्च जाति के लोग नही आते थे l नव जात शिशु को माँ का दूध न पिला कर गाय, बकरी का दूध पिलाया करती थी प्रसव के लिए अस्पताल नही जाते थे ,शिशुओं का जन्म प्रमाण पत्र नही मिल पाता था l जब PVCHR काम करना सुरु किये महिलाओं को जागरूक किये अब लोग खान-पान पर भी ध्यान देती है अस्पताल भी जाते है l PVCHR के काम करने से आशा, एनम और उच्च जाति के लोग आने लगे सभी का शौचालय बन गया ,आवास मिला अंगबाड़ी सेंटर चालू हो गया,किशोरिया जागरूक हो गईं और अपने स्वास्थ्य को लेकर ध्यान देने लगी है l फिर हमलोग उस टोले के महिलाओ से मिले एक बैठक हुवी l  बैठक में साफ -सफाई और गांव में अधिकतर होने वाले बीमारिया डायरिया,हैजा,चेचक,मलेरिया डेंगू जैसे कई बीमारियों से बचाव और होने का कारणों के बारे में जानकारी दिए l एसे महिलाये काफी जागरूक थी l उसके बाद मुसहर बस्ती गए इस बस्ती में 27 परिवार के लोग रहते है यंहा भी PVCHR के कार्यकर्ता के काम के प्रभाव से काफी बदलाव जैसे- शौचालय, आवास,राशन मिलने लगा, उच्चे जाति के लोग ,आशा,एनम और उच्चे जाति के लोग जाने लगे l आंगनबाड़ी खुल गया बच्चें आंगनबाड़ी जाने लगे,लाभार्थियों को आंगनबाड़ी से मिलने वाले सभी सुविधाएं मिलने लगा l

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