भारत और नेपाल के शिक्षा में अंतर 










भारत की इस्थिति :
सरकारी विद्यालय - भारत के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक निःशुल्क शिक्षा का अधिकार है शिक्षा फ्री है। सरकारी स्कूलों में 30 बच्चे पर एक शिक्षक , मध्याहन भोजन , ड्रेश, जुता-मौजा, किताब, छात्रवृत्ति, कक्षा 8 की लड़कियों को साईकिलकंप्यूटर की शिक्षाहर वर्ग कक्षा के लिए अलग-अलग रूम की व्यवस्था, लाब्रेरी ( पुस्तकालय) , बैठने के लिए बैंच, छात्र- छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय ( टॉयलेट ) ,  गांव से 2 k. m. की दूरी पर स्कूल, अच्छे विद्यालय भवन, खेल-कूद के लिए विभिन्न प्रकार के वस्तुवें मिलने का अधिकार है । लेकिन यह सभी सरकारी स्कूलों ने उपलब्ध नहीं होती है l 

दूसरी बात सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के अनुसार शिक्षक नही होने से  (SMC) स्कूल मैनेजमेंट कमिटी अगर कोई शिक्षक रखता है तो उसे अलग से पैसा देता है वह पैसा बच्चों से लिया जाता है। कुछ इलाकों में विद्यालय की इस्तिथि जर्जर और बहुत ही खराब होती  है
सरकारी स्कूलों में अधिकतर गरीब लोगो के बच्चे और ज्यादातर लडकियां पढ़ती है लेकिन दुःख की बात यह है कि यह भगवन भरोसे चलता है l

सरकारी स्कूलों में qualified वाले शिक्षक होते हुवे भी बच्चे कमजोर  होते है इसलिए ज्यादातर माँ-पिता लड़को को किसी तरह से प्रवेट में  पढ़ा लेते है लेकिन लड़कियो को नही पढाते है

नेपाल की इस्थिति  :
नेपाल के  संविधान में भी कक्षा 1 से 5 तक निःशुक्ल और अनिवार्य शिक्षा, अपांगताओ और  विकलांगताओ को  उच्च शिक्षा तथा माध्यमिक स्तर का शिक्षा निःशुल्क देने का प्रावधान है l लेकिन अधिकतर स्कूलों में यह सिर्फ कागजों पर ही सीमित है l  सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के अनुसार शिक्षक नही होने से स्कूल मैनेजमेंट कमिटी अगर कोई शिक्षक रखता है तो उसे अलग से पैसा देता है वह पैसा बच्चों से लिया जाता है। कुछ इलाकों में विद्यालय की इस्तिथि जर्जर और बहुत ही खराब है
यंहा के सरकारी विद्यालय में छात्र-छात्राओं को ड्रेश , मध्याहन भोजन लड़कियों को साइकिल देने का सुविधा नही है
अमीर पैसे वाले तो अपने बच्चे को पब्लिक स्कूलों में पढ़ा लेते है लेकिन जो गरीब है उनके लिए तो सरकारी स्कूल हीं एक मात्र शिक्षा का स्रोत होता है
नेपाल में लोगो की आधी तनख्वाह बच्चों की पढ़ाई में खर्च हो जाता है

प्रावेट (public school) -
प्रावेट स्कूलों में इतनी व्यवस्था नही होती है फिर भी बच्चे पढ़ने में अच्छे होते है , क्यों  की लोग वंहा पैसा देते है ईसलिये स्कूल का गर्डिंग करते है जिससे प्रावेट (public school) में 9th ,10th पढ़े शिक्षक होने के बाद भी बच्चे पढ़ने में अच्छे, ठीक-ठाक  होते है

लेकिन सरकारी व्यवस्था का सही तरीके से उपयोग नही हो रहा है इसका कारण है नागरिको का ध्यान देना ।लोगो को सोचना चाहिए कि प्रवेट से ज्यादा सरकारी स्कूलों में सुविधा होती है तो क्यो ना उस व्यवस्था को ठीक से चलाये और सारे बच्चों का भविष्य बनाये देश को आगे बढ़ाए   गाड़ी को चलाने के लिए दो पहिये की जरूरत होती है उसी तरह से देश के विकास के लिए लड़का और लड़की दोनों को पढ़ना जरूरी है
बच्चे  गरीब हो या अमीर सभी कल की भविष्य है कई लोग गरीबी और आर्थिक तंगी के कारण अपने बच्चों को ज्यादा पढ़ा नही पाते है  

आज देश दुनिया बहुत आगे निकल चुका है हमारे वैज्ञनिकों ने इतनी तेजी से दुनिया को बदल रही है कि अब हर काम मशीनों द्वारा किया जाने लगा है अब हर काम ऑनलाइन होने लगा है बिना बढ़े-लिखे लोगो के लिए आज के समय मे कोई भी काम करना बहुत हीं कठिन हो गया है

हमारा भारत हो या नेपाल या कोई और देश आज की दौर में जिंदगी जीने के लिए शिक्षा बहुत हीं जरूरी हो गया है लेकिन गरीबी के कारण और घर की आर्थिक इस्थित खराब होने के कारण जाने कितने बच्चों को पढ़ाई नसीब नही होती ये बच्चे हीं आगे देश की भविष्य बन सकते है

नागरिको का ध्यान देना चाहिए कि प्रवेट से ज्यादा सरकारी स्कूलों में सुविधा होती है उस व्यवस्था को ठीक से चलाने और सारे बच्चों का भविष्य बनाने और देश को आगे बढ़ाने में मदद करना चाहिए  
और सरकार का शिक्षा पर कोई खास ध्यान नही है इसलिये सरकार को भी शिक्षा पर खास ध्यान देते हुवे अच्छी शिक्षा की व्यवस्था और कड़ी निगरानी करनी चाहिए


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