introduction of informal sector servic senter (INSEC)

                                          इन्सेक का परिचय 
अनौपचारिक क्षेत्र सेवा केंद्र ( इन्सेक ) नेपाल का एक गैर सरकारी संगठन है अंग्रेजी में इसे informal sector servic senter (INSEC) कहते है जो नेपाल की मानव अधिकारों की इस्थिति का दस्तावेजिकरण करती है 
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर  मानवाधिकार परवर्धन के लिए वकालत करती है और इसकी स्थापना 1988 में मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रकाश कापले और सुशिल पयाकुरेल के द्वरा किया गया था l यह मानवाधिकार के संरक्षण के लिए काम करती है उनके प्रतिनिधि सरकार,कानून लागु करने  वाली एजेंसियां और अन्य हितधारक शिक्षित , प्रशिक्षित और मानवाधिकारों की रक्षा और बढ़ावा देने के लिए सहयोग करती है  और समुदाय आधारित संगठनो की संस्थागत  क्षमता उन्हें मानवधिकार शांति और निति वकालत पर एक साथ काम में सक्षम बनाती है l अनौपचारिक क्षेत्र सेवा केंद्र का अध्यक्ष डॉ. इंदिरा श्रेष्ठ और कार्यकारी निर्देशक  विजया राज गौतम है नेपाल में कुल 7 प्रदेश (प्रदेश 1,2,3, गण्डकी, प्रदेश 5, कर्णाली प्रदेश, सुदुपश्चिम ) है और इन 7 प्रदेश में 77 जिले है l इन सात्तों प्रदेश में अनौपचारिक क्षेत्र सेवा केंद्र का स्टेट ऑफिस है और हेड ऑफिस काठमांडू में है जिसमे चीफ एडिटर - मदन पौडेल जी, नेपाली एडिटर -रमेश प्रशाद तिमालसिना जी और अंग्रेजी एडिटर राजेश मिश्रा जी है और सात प्रदेश में एक एक  province co-odinators है l और  सात प्रदेश प्रदेश कार्यालय में एक एक प्रदेश  प्रलेख अधिकृत कार्यकर्ता है जिसमे 1 में पुण्या प्रसाद अधिकारी, प्रदेश 2 में राजू पासवान, प्रदेश 3 में ज्योति शर्मा, गण्डकी में सुमित्रा भट्टाराई, प्रदेश 5 में बिनोद पाण्डेय, कर्णाली प्रदेश में नारायण सुबेदी, सुदुपश्चिम में कृष्णा बहादुर विश्वकर्मा  l और 77 जिले में एक एक कार्यकर्ता निउक्ति किये गए है जो हर दिन अपने-अपने जिले की (स्तिथि ) समस्या घटनाओं को स्टेट ऑफिस रिपोर्ट भेजती है और स्टेट ऑफिस उसे अपने वेबसाईट (www.insec.org.np online) में पब्लिश करते है और वकालत करती है अनौपचारिक क्षेत्र सेवा केन्द्र (इन्सेक) ने 1992 से मानव अधिकार वार्षिक पुस्तिका प्रकाशित करना शुरू किया जो मानवाधिकारों के उलंघन और दुरुर्व्यव्हार की घटनाओं को रिकॉर्ड करता है और हर वर्ष सरकार के साथ वार्षिक पुस्तिका का सम्मलेन आयोजित कर मानव अधिकार वार्षिक पुस्तिका संघर्षरत पीड़ितों के लिए एक दावा करती है l और साथ हीं सरकार को जवाबदेह बनाती है l इन्सेक समाज के वंचित वर्गों के साथ काम करती है जिसमे कृषि कामगार, वंचित महिलाएं और समाजिक रूप से भेद-भाव वाले लोग जैसे- दलित सामिल है l अनौपचारिक क्षेत्र सेवा केंद्र मानव अधिकारों से सम्बंधित मुद्दों पर शिक्षित, निगरानी, पैरवी, वकालत, अनुसंधान और प्रशिक्षण देकर नागरिको को शसक्त और मजबुत बनाती है जिसे लोग अपने नागरी और राजनितिक अधिकारों का दावा कर सके , इन्सेक मानव अधिकार और कानून का रक्षक है इन्सेक के कइ उदाहरण है l जिसमे से कुछ बड़े एक दो उदाहरण आपके सामने रखी हूँ l कई वर्षो से चला आ रहा कमैया प्नरथा ( बंधुआ मजदुर ) को खत्म करने के लिए  इन्सेक ने कई संघर्ष किये जिसके बाद यह प्रथा  2054 में ख़त्म हुवा l 
इसके बाद पुरे देश में 1996 से 12 वर्ष शसत्र
द्वन्द चला जिसमे इन्सेक ने द्वन्द व्यवस्थापन और मानव अधिकार परवर्धन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया इसके बाद कानून के शासन द्वारा निर्दोष व्यक्ति को दोषी ठहराया गया व्यक्तियों को न्याय दिलाने के साथ लोकतांत्रिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा नेपाल में बरसों के राजनैतिक उथल-पुथल और संघर्षो के बाद  बिक्रम संबाद खत्म हुवा और  2072  को नया संविधान लागू  हुवा  जिसमे नेपाल के नए संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति देश के राष्ट्राध्यक्ष होंगे, जबकि कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री के पास होंगी। केंद्र में संघीय सरकार होगी जबकि प्रांतों में प्रांतीय सरकार होगी। जिला और ग्राम स्तर पर भी शासन व्यवस्था होगी। दो सदनों वाली संसद, एकसदनीय विधानसभा और संघीय, प्रांतीय और जिला स्तरीय न्यायपालिका होगी। नेपाली राष्ट्र की भाषा बनी रहेगी। सभी भाषाओं समेत जातीय भाषाओं को भी मान्यता दी गई है। नेपाली हिंदुओं की पूजनीय गाय राष्ट्रीय पशु और रोडेन्ड्रॉन (लालिगु्रास) राष्ट्रीय फूल है। आरक्षण और कोटा व्यवस्था के जरिए वंचित, क्षेत्रीय और जातीय समुदायों के सशक्तीकरण की व्यवस्था की गई है। मूल निवासियों, दलितों और महिलाओं के लिए स्थानीय प्रशासन, प्रांतीय और संघीय सरकार से लेकर हर स्तर पर आरक्षण का प्रावधान किया गया है। संविधान में तीसरे लिंग ( थर्ड जेंडर) को भी मान्यता दी गई है। संविधान ने नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया है। किन्तु प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं का संरक्षण किया जाएगा। धर्मान्तरण पर रोक नहीं है। इस तरह नेपाल में एक बड़े परिवर्तन के संघर्ष में इंसेक का बड़ा योगदान रहा है। और इस तरह मानव अधिकार के सनरक्षन को लेकर इन्सेक ने निरंतर कार्य करते आ रही है 
                                                                                    

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